हमारे देश में अनेक राज्य है, और प्रत्येक राज्य कई जिलों से मिलकर बना होता है, एक जिले में अनेक तहसील होते हैं, इस तहसील का प्रभारी अधिकारी तहसीलदार होता है, तहसीलदार और नायब-तहसीलदार राजस्व प्रशासन में प्रमुख अधिकारी होते हैं, और सहायक कलेक्टर ग्रेड की शक्तियों का प्रयोग करते हैं, तहसीलदार और नायब -तहसीलदार उप- रजिस्ट्रार राजस्व संग्रहण और पर्यवेक्षण होनें का मुख्य कार्य करते हैं, तहसीलदार का पद जिले का एक महत्वपूर्ण पद होता है, एक तहसीलदार /नायब तहसीलदार कैसे बन सकते है ? इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |
शैक्षिक योग्यता (तहसीलदार/ नायब तहसीलदार )
तहसीलदार बननें के लिये अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक अथवा परास्नातक उत्तीर्ण होना आवश्यक है |
आयु सीमा (तहसीलदार/ नायब तहसीलदार )
अभ्यर्थी की उम्र न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 42 वर्ष होना आवश्यक है ।
चयन प्रक्रिया ( तहसीलदार )
चयन प्रक्रिया के अंतर्गत तीन चरण होते है-
- जाँच परीक्षा (Screening Test)
- मुख्य परीक्षा (Main Exam)
- साक्षात्कार (Interview)
- जाँच परीक्षा (Screening Test)
1.जाँच परीक्षा
तहसीलदार बननें के लिए परीक्षा के पहले चरण के अंतर्गत जाँच परीक्षा देनी होती है, इस परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी को मुख्य परीक्षा में सम्मिलित किया जाता है |
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2.मुख्य परीक्षा (Main Exam)
मुख्य परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में अधिक परिश्रम करना पड़ता है, तथा यह परीक्षा जाँच परीक्षा से कठिन होती हैं, इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें के लिए अभ्यर्थी को सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती हैं ।
3.साक्षात्कार (Interview)
साक्षात्कार परीक्षा का अंतिम चरण है, जाँच परीक्षा व मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में सम्मिलित किया जाता है, इस प्रक्रिया में अभ्यर्थियों से कुछ ऐसे सवाल पूछें जाते है, जिससे अभ्यर्थियों की योग्यता का आकलन किया जाता है, और देखा जाता है, कि अभ्यर्थियों से पूछें गये प्रश्नों के उत्तर संतोषजनक है,अथवा नहीं, इसके आधार पर उन्हें सफल घोषित किया जाता हैं ।
तहसीलदार का वेतन
तहसीलदार पद हेतु वेतन के रूप में 9,300 रुपये से 34,800+ रुपये दिया जाता हैं, इसके साथ-साथ वाहन, निवास हेतु भवन, अनेक कर्मचारी तथा अन्य कई सुविधाएँ दी जाती है |
तहसीलदार के कार्य
- भूमि से संबंधित विवाद सुनना तथा समस्या का निदान करना
- पटवारी द्वारा किये गये कार्यो का पर्यवेक्षण करना
- यह सुनिश्चित करना, कि भूमि अभिलेख ठीक से रखा गया है
- भूमि राजस्व का उचित संग्रह सुनिश्चित करना
- यह सुनिश्चित करना कि किसान आसानी से अपने रिकॉर्ड की प्रति प्राप्त कर सकें
- छात्रों के लिए जाति प्रमाण पत्र, निवास, आय तथा विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र तहसीलदार के हस्ताक्षर द्वारा मान्य होते है
- भूमि अधिग्रहण और संपत्ति अधिग्रहण के मामलों को उनके कार्यालय द्वारा तैयार किया जाता है, किसी भी प्राकृतिक आपदा या बाधाओं से होने वाली हानि के लिए तत्काल राहत अभियान प्रारंभ करना इनका प्रमुख कार्य है
- किसी भी कारण और फिक्सिंग के कारण फसलों का कुल नुकसान का मूल्यांकन कर, इसका मुआवजा तहसीलदार द्वारा प्रबंधित किया जाता है
- तहसीलदार अपनें तहसील के बीज और उर्वरक आवश्यकताओं के लिए खाद्य पदार्थों और आपूर्ति पर नज़र रखता है
नायब तहसीलदार की चयन प्रक्रिया
नायब तहसीलदार बननें हेतु अभ्यर्थी को प्रथम चरण में लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होनें के पश्चात साक्षात्कार में सम्मिलित होना होता है, साक्षात्कार में सफल अभ्यर्थियों को नायब तहसीदार पद हेतु चयनित किया जाता है |
नायब तहसीलदार के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत निरीक्षक संवर्ग से पदोन्नति द्वारा भरे जाते हैं, सीधी भर्ती हेतु राजस्थान सेवा आयोग द्वारा प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन कर चयन किया जाता है, पदोन्नति के पदों में से प्रतिशत भू-अभिलेख निरीक्षक, 5 प्रतिशत भू-प्रबन्ध निरीक्षक एवं 3 प्रतिशत पद उपनिवेशन निरीक्षकों से भरे जाने का प्रावधान है, तहसीलदार के कुछ पदों में 85 प्रतशित पद पदोन्नति से भरे जाते है |
नायब तहसीलदार का वेतन
नायब तहसीलदार को वेतन के रूप में 9300/- रुपये से 34800/- रुपये प्राप्त होते है, इसके साथ-साथ निवास हेतु सरकारी भवन और वाहन तथा अन्य कर्मचारी दिए जाते है |
नायब तहसीलदार कैसे बने हेतु आवश्यक टिप्स
- नायब तहसीलदार बननें हेतु सबसे पहले अपने लक्ष्य को निर्धारित करें, अर्थात लक्ष्य निर्धारित करनें के उपरांत उसमें परिवर्तन ना करें
- नायब तहसीलदार की परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करनें हेतु समय –सारिणी बनायें तथा सभी कार्य समय- सारिणी के अनुसार करनें का प्रयास करें, प्रारंभ में आपको कठिनाई होनें की संभावना है, परन्तु कुछ दिनों तक निरंतर समय से कार्य करनें पर आपको समय से कार्य करना का अभ्यास हो जायेगा
- परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें हेतु पिछले वर्षो के पुराने पेपरों को हल करनें का प्रयास करें, इससे आपको परीक्षा में पूछें जाने वाले पैटर्न के बारें में जानकारी प्राप्त होगी
- नायब तहसीलदार की परीक्षा में आपसे कुछ प्रश्न सामान्य ज्ञान, करंट अफेयर से सम्बंधित पूछे जाते है,इसलिए आपको प्रतिदिन अख़बार, न्यूज़, प्रतियोगी परीक्षाओं पर प्रकाशित होने वाली मैगज़ीन का अध्ययन करना आवश्यक है
- वर्तमान समय में इन्टरनेट का उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, आप इन्टरनेट की सहायता से प्रतिदिन की लेटेस्ट करंट अफेयर्स, तथा वर्तमान में घटित होनें वाली घटनाओं के बारें में जानकारी प्राप्त कर सकते है, जो परीक्षा की दृष्टिकोण से अत्यंत आवश्यक है
नायब तहसीलदार के कार्य
नायब तहसीलदार भूमि राजस्व और सरकार को देय अन्य बकाया राशि के संग्रह के लिए जिम्मेदार होते हैं, अधीनस्थ राजस्व कर्मचारियों के संपर्क में रहने के लिए, मौसमी स्थितियों और फसलों की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए, किसानों की कठिनाइयों को सुननें और ऋण वितरित करने के लिए, नायब तहसीलदार बड़े पैमाने पर अपने क्षेत्राधिकार में क्षेत्रों का दौरा करते हैं |
वह भूमि से सम्बंधित विवादों का निर्णय हेतु अपने उच्च अधिकारी को अवगत कराते है, इसके अतिरिक्त खाता पुस्तकों में प्रविष्टियों में सुधार, प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करना, तथा किरायेदारी के विवादों को सुलझाने के लिए अदालतों में भी बैठते हैं |
तहसीलदार और नायब तहसीलदार में अंतर
तहसील के प्रभारी अधिकारी को तहसीलदार कहा जाता है, हालांकि, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के राजस्व और मजिस्ट्रेट कर्तव्यों में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं है, राजस्व मामलों में, सर्किल राजस्व अधिकारी के रूप में अपनी मंडलियों में सहायक कलेक्टर, ग्रेड II की शक्तियों का प्रयोग करते हैं, तहसीलदार और नायब तहसीलदार को उनके पद के जिले में पूर्व कार्यकारी मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया जाता है, परन्तु उन्होंने मानक और साथ ही साथ भाषा पेपर में आपराधिक कानून पेपर में संबंधित निर्धारित विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण की हों |
एक तहसीलदार को सहायक कलेक्टर, ग्रेड 1 की शक्तियों के साथ विभाजित किया गया है, नायब तहसीलदार को इस शक्ति के साथ सम्मिलित नहीं किया गया हैं, इसके अतिरिक्त तहसील के वरिष्ठ राजस्व अधिकारी के रूप में और इसके प्रभारी कुल मिलाकर, तहसीलदार में मंडल राजस्व अधिकारी, नायब तहसीलदार और स्वयं के मध्य कार्य के समन्वय और वितरण की शक्तियां होती हैं, तहसीदार राज्य सरकार के द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी हैं, और राजपत्रित अधिकारी के रूप में प्रमाण पत्र बनानें और जारी करने में सक्षम है, जबकि नायब तहसीलदार को यह अधिकार प्राप्त नहीं है |
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