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आज हम आपको इस Post में Computer के बारे में बताने जा रहे है जिसमे आपको Computer के बारे में सीखने को मिलेगा हमे आशा है की पिछली बार की तरह इस बार भी आप हमारी Post को पसंद करेंगे. बहुत कम लोग ही जानते होंगे की Computer क्या है और इसका उपयोग कैसे और क्यों किया जाता है अगर आप इसके बारे में नही जानते तो कोई बात नहीं हम आपको इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी देंगे इसके लिए हमारी Post को शुरू से अंत तक ज़रुर पढ़े.
कंप्यूटर क्या है – What is Computer in Hindi?
आज की दुनिया एक सूचना समृद्ध दुनिया है और Computer के बारे में सभी को जानना जरूरी है. एक Computer एक Electronic Data Processing Device है जो Data Input को Accepts करता है और Store करता है और Data Input को Processes करता है और Output को एक आवश्यक प्रारूप में उत्पन्न करता है. Computer कई अलग-अलग तरह के होते है जैसे कि इसे आप Mobile के रूप में देख सकते हैं Tablet के रूप में देख सकते है Laptop आदि. Computer आज कई अलग अलग रूप में मौजूद है जैसे कि – Mobile, Tablet, Clock, Laptop, Desktop आदि इन्ही अलग-अलग रूपो की वजह से आज हम कोई भी Information बहुत जल्द प्राप्त कर लेते है.
Computer का आविष्कार America में Charles Babbage ने किया था. Charles Babbage को आज Computer का आविष्कार करने की वजह से Father of Computer भी कहा जाता है. Computer को Mathematical Questions को हल करने के लिए बनाया गया था क्योंकि पहले ज़माने के लोगों को एक ऐसी Machine की आवश्यकता थी जो Mathematics के Questions को आसानी से हल कर सके क्योंकि Mathematics के Questions से लोग शुरू से ही बहुत ही परेशान रहे है. Mathematics के Questions को हल करने के लिए कई अलग-अलग वैज्ञानिकों ने कई अलग-अलग Machine बनाई लेकिन यह भी Mathematics के Questions को पूरी तरह से हल करने के लिये कामयाब नहीं हुई. इसी कारण आगे भी खोज जारी रही और फिर Computer का आविष्कार हुआ जिसने सबकी Problem को दूर कर दिया. या यह कहिये Computer ने पूरी दुनिया को ही बदल के रख दिया.
हालांकि Computer का आविष्कार Mathematics के Questions को हल करने के लिए हुआ था. लेकिन आज के समय में Computer पर कई अलग-अलग तरह के काम किए जाते है. आज आप Computer की सहायता से घर बैठे कोई भी Education प्राप्त कर सकते है और घर बैठे किसी भी तरह की Information प्राप्त कर सकते है. जैसे कि – News पढ़ सकते है, Books पढ़ सकते है TV Serial देख सकते है Songs सुन सकते है Video देख सकते है Movies देख सकते है, Shopping कर सकते है और लोगों से Online बात कर सकते है आदि Computer से आज आप घर बैठे बहुत सारे काम कर सकते है.
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है – Full Form of Computer in Hindi?
चलिए अब जान लेते हैं की कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है.
C – Commonly,
O – Operated,
M – Machine,
P – Particularly,
U – Used for,
T – Technical,
E – Educational,
R – Research.
कंप्यूटर की परिभाषा क्या है?
“कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है जो यूजर से इनपुट किये गए डाटा को प्रोग्राम के अनुसार प्रोसेस करता है और इसके बाद आउटपुट के रूप में रिजल्ट दिखाता है. जिसे भविष्य में भी प्रयोग किया जा सकता है.”
इसका काम करने का तरीका कुछ इस तरीके का होता है.
ऊपर दिखाए गए प्रोसेस फ्लो डायग्राम से आप आसानी से समझ सकते हैं की कंप्यूटर के काम करने का तरीका क्या है. ये मुख्यता 3 स्टेप्स में काम करता है.
यूजर इनपुट डिवाइस से कंप्यूटर के डाटा को इनपुट डाटा के रूप में लेता है उसके बाद जो डाटा यूजर डालता है उसे ये अपने प्रोग्राम के द्वारा प्रोसेस करता है.
इसके बाद डाटा को आउटपुट के रूप में यूजर को दिखा देता है. ये दो तरह के डाटा को स्वीकार कर के प्रोसेस करता है, एक तो होता है Arithmetical और दूसरा Logical.
ये एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो बहुत सारे काम काफी तेज़ी से और आसानी से कर सकने माहिर है.
लेकिन अभी भी दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जो PC के बारे में बहुत सारी महत्वपूर्ण बातें नहीं जानते. इसीलिए आज की पोस्ट में मैंने कोशिश की है की आपको इससे जुडी हर छोटी से छोटी जानकारी आसानी से समझा सकूँ.
कंप्यूटर का हिंदी नाम क्या है?
वैसे देखा जाए तो सच में बहुत सारे लोग जिनको यह नहीं मालूम होता है कि कंप्यूटर का हिंदी नाम क्या है. इसे हिंदी में संगणक कहा जाता है. जिसका अर्थ होता है ऐसा यंत्र जो गणना करता है.
कंप्यूटर के स्क्रीन को क्या कहते हैं?
हम जब इस यंत्र में काम करते हैं तो इसके लिए मॉनिटर का इस्तेमाल करते हैं जो की इसका एक आउटपुट डिवाइस हैं. तो आप खुद ही ये समझ सकते हैं की स्क्रीन को मॉनिटर कहते हैं.
कंप्यूटर कैसे काम करता है?
दोस्तों डेस्कटॉप और लैपटॉप में तो हर कोई काम करता है. लेकिन सबको ये मालूम नहीं होता की आखिर यह काम कैसे करता है. तो अगर आप जानना चाहते हैं तो आगे बढ़ते जाये. आपको आपके हर सवाल का जवाब मिलता जायेगा.
Input:– सबसे पहले इनपुट डिवाइस से यूजर डाटा को इसमें डालता है उसे input कहते हैं.
ये set of data या information होता है. जो की कई प्रकार के होते हैं जैसे letters, numbers, words, audio, video इत्यादि.
Processing:– ये एक internal process होता है. Input किये हुए डाटा को program में दिए instruction के आधार पर process करता है.
Output:– Processed data को रिजल्ट के रूप में मॉनिटर पर देखते हैं उसे output बोलते हैं. जब डाटा process हो जाता है तो वो monitor स्क्रीन, प्रिंटर, audio device के जरिये हमे मिल जाता है.
कंप्यूटर के भाग?
ये एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जिसके कई पार्ट्स होते हैं.
आपने अक्सर देखा होगा की उसमे काम करने के लिए अलग अलग पार्ट्स होते है. कुछ parts necessary हैं जिनके बिना सिस्टम work नहीं कर सकता है.
कुछ कंप्यूटर के पार्ट्स वैसे पार्ट्स होते हैं जो हम अपने extra work को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
इसमें हर काम के लिए डिवाइस का इस्तेमाल होना भी जरुरी होता है. तो चलिए जानते हैं की हमारे इस में कौन कौन से पार्ट्स होते हैं जिनके बिना ये काम नहीं कर सकता.
इस के बहुत सारे ऐसे पार्ट्स हैं जो जरुरी होते हैं. इन पार्ट्स के बारे में डिटेल जानकारी निचे दी गई हैं.
Input Device
अपने PC के अंदर डाटा को enter करने के लिए हम जिस device का use करते हैं उन्हें इनपुट डिवाइस बोलते हैं. ये डाटा और instruction हम इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल कर के अलग अलग form में enter करते हैं.
इनपुट यंत्र इंसान और सिस्टम के बीच डायरेक्ट कम्यूनिकेट करने का माध्यम होता है.
इनपुट डिवाइस ऐसे डिवाइस हैं जो निर्देश और डाटा को इनपुट करने के बाद सीधे CPU तक पहुंचते हैं. इन device से गए हुए instruction सिस्टम के दिमाग को बताते हैं की use करना क्या है?
इनपुट डिवाइस अलग अलग प्रकार के हैं जिससे डाटा और instruction को इनपुट कर सकते हैं. यहाँ मैं आपको अलग अलग इनपुट डिवाइस के बारे में बता रहा हूँ. Keyboard, Light pen, Digital Camera, Mouse, Scanner.
Motherboard
Motherboard सिस्टम का main circuit board होता है. इसमें सभी हिस्सों को connect किया जाता है.
CPU, Mouse, keyboard, प्रिंटर, मॉनिटर और भी devices cables से directly motherboard से कनेक्टेड होती है. Motherboard सिस्टम के अंदर एक hardware होता है. इसे हम सिस्टम का backbone भी बोलते हैं.
PC और लैपटॉप के अलावा भी बहुत सारी devices हैं जिसमे motherboard इस्तेमाल किया जाता है. Mobile और tablet जैसे devices में भी motherboard होता है.
अलग अलग सिस्टम के motherboard की shape और size डिवाइस के अनुसार होती है. कुछ पार्ट्स तो सीधे motherboard में ही connected होते हैं.
CPU (Central Processing Unit)
इसे सिस्टम का दिमाग बोला जाये तो बिलकुल गलत बात नहीं है. जिस तरह इंसान अपने दिमाग से सोचता है और decision लेता है उसी तरह सिस्टम में भी CPU इंसान के दिमाग की तरह काम करता है.
इसको बहुत सारे नामो से भी जाना जाता है, जैसे e-brain processor, central processor, और micro processor.
ये सिस्टम cabinet के अंदर Motherboard में होता है. वर्ल्ड का पहला processor Intel कंपनी ने 1970 में बनाया था.
CPU किसी सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर से आने वाले instruction को follow करता है और कंट्रोल करता है. CPU के मुख्यता 2 पार्ट्स होते हैं.
- Arithmetic and Logical Unit
- Control Unit
Arithmetic और logical unit दोनों तरह के डाटा (numerical or logical data) को कैलकुलेट करता है और निर्णय लेता है.
ये addition, subtraction, multiplication, division के साथ ही logical data (< = > and , or) को प्रोसेस कर लेता है. Control unit system के सारे कामों को कंट्रोल करता है.
इस के सारे पार्ट्स को जैसे input, output, processor के काम को नियंत्रित करता है.
Output Device
सिस्टम में डाटा प्रोसेस हो जाने के बाद रिजल्ट को output करने कर के दिखने के लिए जिन devices को सिस्टम प्रयोग करता है उसे आउटपुट डिवाइस बोला जाता है.
आउटपुट डिवाइस sound, video, shape, photo इत्यादि के रूप में यूजर को डाटा प्रदान करता है.
आउटपुट डिवाइस में हम सभी मॉनिटर, प्रिंटर, earphone, स्पीकर को जानते हैं. ये सभी device information में हमे output कर के दिखती है.
यहाँ मैं आपको कुछ जरुरी आउटपुट डिवाइस बता रहा हूँ. Monitor, Speaker, Printer, Projector, etc.
Hard Disk Drive
Hard disk एक सिस्टम के storage के रूप में कार्य करता है. यानि की जितने भी डाटा होते हैं जैसे videos, MP3, documents सभी तरह के फाइल्स को जहाँ सेव करते हैं उसे ही hard drive बोलते हैं. ये permanent storage device होता है. जिसमे जब तक चाहे तब तक डाटा स्टोर कर के रख सकते हैं.
RAM (Random Access Memory)
RAM को Main Memory या primary memory या volatile memory भी बोलै जाता है. इसे volatile memory इसीलिए बोलते हैं क्यों की डाटा को temporarily स्टोर करता है.
इसका फुल फॉर्म Random Access memory होता है. RAM सिस्टम की स्पीड को increase करता है. इसीलिए जितनी हाई कैपेसिटी RAM होगा सिस्टम उतना स्पीड काम करेगा.
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जब भी कोई यूजर सिस्टम में काम करता है तो काम करते वक़्त जितना भी यूजर काम करता है उसे स्टोर कर के रखता है. लेकिन अगर किसी वजह से डाटा सेव नहीं किया और पावर चली गई तो सारा डाटा भी lost हो जायेगा. RAM यानि temporary memory सिर्फ काम करते वक़्त डाटा को सेव करती है. इसे permanently स्टोर करने के लिए उसे hard drive में ही स्टोर करना जरुरी है.
Power Supply
SMPS (Switched Mode Power Supply) एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस है जो सिस्टम के सभी पार्ट्स को पावर supply करता है.
कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया – Father of Computer in Hindi
इसका आविष्कार दुनिया के सबसे बड़े आविष्कारों में से एक है. क्यों की इसने पूरी दुनिया को बदल दिया. सारे काम अब इसी से किये जाते है. इसने इंसानो के काम को बहुत आसान बना दिया है.
क्या आप जानते है की इस का आविष्कार किसने किया और इसके जनक कौन हैं. अगर नही मालूम तो जान लीजिये की इस का आविष्कार जिस इंसान ने किया था उनका नाम Charles Babbage है.
Charles Babbage इस के पिता कहे जाते हैं जिन्होंने 1822 में “Differential engine” नाम से mechanical कंप्यूटर बनाया था.
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वैसे तो इस को develop या विकसित करने में बहुत सारे लोगों ने वक़्त के साथ योगदान दिया है. 1837 में उन्होंने Analytical engine के रूप में पहला modern सिस्टम दुनिया के सामने लाया.
Analytical engine में ALU (Arithmetic and Logic unit), basic flow control और integrated memory का प्रयोग किया था. आजकल के सिस्टम भी इसी मॉडल के आधार पर बनाये जाते हैं. यही वजह है की उन्हें modern age सिस्टम का जनक कहा जाता है.
कंप्यूटर के प्रकार – Types of computer in Hindi
Broadly इस के काम करने के आधार पर 3 केटेगरी में बांटा गया है. जिनमें से हर एक का अपने अलग अलग प्रकार होते हैं.
Analog – वैसा सिस्टम जो जानकारी को दिखाने के लिए analog signal का इस्तेमाल करते हैं उसे Analog कंप्यूटर कहते हैं. इस में जो जानकारी होती है वो continuous form में होती है जिसे curves के रूप में दिखाते हैं.
इस का इस्तेमाल continuous physical quantity को मापने में किया जाता है जैसे तापमान, बिजली का प्रवाह, ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन.
Digital – वैसे सिस्टम जिसमे अलग जानकारी को दिखाने के लिए binary digits का इस्तेमाल हैं उसे डिजिटल कंप्यूटर कहते हैं. इस में जानकारी discrete form में होती है. ये जानकारी को text, picture और graphics के रूप में हसौ करती है.
Hybrid – वैसे सिस्टम जो जानकारी को दिखाने के लिए analog signal के साथ साथ binary digits को भी समझने के योग्य होते हैं उसे हम Hybrid कंप्यूटर के तोर पर जानते हैं.
इस में operating mode के अनुसार जानकारी शो करती है. इस में जानकारी को continuous form में और साथ ही discrete form में होती है क्यूंकि इसमें ये डिजिटल प्रोसेसिंग के साथ ही एनालॉग प्रोसेसिंग भी करती है.
आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
सुपर कंप्यूटर – इस तरह के सिस्टम सबसे तेज़ और शक्तिशाली होते हैं. ये बहुत ही महंगे होते हैं और इनका उपयोग सिर्फ ख़ास कामों के लिए किये जाते हैं. जैसे मौसम की भविष्यवाणी, इस के लिए बहुत ही जटिल गणना किया जाता है, यही वजह है की इस का इस्तेमाल किया जाता है.
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इसके अलावा इसका इस्तेमाल एनीमेशन, ग्राफ़िक डिजाइनिंग, nuclear energy research, और fluid dynamics के कैलकुलेशन करने में किया जाता है.
मेनफ़्रेम कंप्यूटर – ये एक बहुत ही महंगा और बड़े आकर का system होता है जो एक साथ हज़ारों यूजर को एक साथ handle करने में capable होता है. अगर इस में hierarchy की बात करें तो सबसे नीचे एक microprocessor होता है जो की सुपर कंप्यूटर तक पहुँचता है जो की ऊपर में होता है. मेनफ़्रेम सुपर वाले से नीचे स्तर के होते हैं.
अगर कुछ मौको की बात करे तो ये सुपर सिस्टम से कई गुना शक्तिशाली होते हैं क्यूंकि ये एक साथ कई प्रोग्राम को run करा सकते हैं जिसमे हज़ारों यूजर एक साथ काम कर सकते हैं. लेकिन सुपर कंप्यूटर में एक बार में एक प्रोग्राम जो run करता है वो मेनफ़्रेम से बहुत तेज़ काम करता है.
मिनी कंप्यूटर – आकर और शक्ति के अनुसार ये medium level में आते हैं. मिनी कंप्यूटर, मेनफ़्रेम और वर्क स्टेशन के बीच में आते हैं. साधारण तोर पर अगर बात करें तो ये ऐसे सिस्टम होते हैं जिस में 4-200 यूजर एक साथ काम कर सकते हैं.
माइक्रो या पर्सनल कंप्यूटर – यह इस प्रकार का यंत्र होता है जो सिर्फ एक इंसान के इस्तेमाल के लिए बनाया हुआ होता है इसे आज पर्सनल कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता है जो सिंगल चिप माइक्रो प्रोसेसर क्या आधार पर बना होता है. इसमें मुख्यता लैपटॉप और डेस्कटॉप आते हैं
डेस्कटॉप – एक पर्सनल या माइक्रो-मिनी सिस्टम एक डेस्क में आसानी से फिट हो जाते हैं.
लैपटॉप – ये ऐसे सिस्टम होते हैं जो पोर्टेबल होते हैं इस में एक इंटीग्रेटेड स्क्रीन और कीबोर्ड होता है. ये साधारण तौर पर डेस्कटॉप से आकर में छोटे होते हैं और नोटबुक से बड़े होते हैं.
Palmtop/डिजिटल डायरी/ PDA – ऐसे सिस्टम जो हमारे हाथ में आ जाते हैं इतने छोटे होते हैं. इस में कीबोर्ड नहीं होता है. इस में स्क्रीन ही इनपुट और आउटपुट डिवाइस के रूप में काम करता है.
वर्क स्टेशन – एक टर्मिनल या डेस्कटॉप एक नेटवर्क के रूप में काम करता है. यहाँ हम इसे एक सामान्य शब्द के रूप में लेते हैं जिसका है मतलब होता है user’s machine (client machine) जिसे सर्वर या मेनफ़्रेम कहते हैं.
कंप्यूटर का महत्व क्या है – Importance of Computer in Hindi
- शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग
- वैज्ञानिक अनुसन्धान
- मौसम और प्राकृतिक विपदा की जानकारी और भविष्यवाणी
- मनोरंजन में प्रयोग
- घर और कार्यालय के कार्यों में विशेष योगदान
- आटोमेटिक मशीन का सञ्चालन
कंप्यूटर की विशेषता एवं फायदे
इस यंत्र ने मनुष्य के जीवन में अनेक बदलाव लाये हैं. इसने इंसानों के जीवन को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. जिस तरह हर सिक्के के 2 पहलु होते हैं ठीक उसी तरह ही इस के इस्तेमाल के भी दो पहलु हैं.
हर चीज़ की खासियत होती है लेकिन उसमे कुछ खामियां भी होती हैं. हम यहाँ आगे इसी पर चर्चा करेंगे की आखिर हमे इस के फायदे और नुकसान क्या क्या हैं. तो सबसे पहले जान लेते हैं इसके फायदे यानि लाभ के बारे में.
सस्ता यन्त्र होना
एक ज़माना हुआ करता था जब एक सिस्टम खरीदना सबके बस की बात नहीं थी क्यूंकि इसकी कीमत काफी ज्यादा हुआ करती थी.
साथ ही लोग इसके उपयोग भी नहीं जानते थे लेकिन आज का समय ऐसा आ चूका है जब शक्तिशाली सिस्टम के लिए अधिक पैसे खर्च नहीं करने पड़ते.
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काम करने लायक अच्छे और फ़ास्ट डेस्कटॉप/लैपटॉप अब काफी दाम में मिल जाते जाते है.यही यही वजह है की आज घर घर में डेस्कटॉप/लैपटॉप देखने को मिल जाता है.
ऑनलाइन खरीददारी, इंटरनेट बैंकिंग, मनोरंजन का सबसे बड़ा श्रोत
इस के फायदों में सबसे बड़ा फायदा ये है की इंटरनेट कनेक्ट कर के हम इस के जरिये इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग कर सकते हैं. घर बैठे हम बैंक से जुड़े काम डेस्कटॉप या लैपटॉप की ही मदद से पूरा कर सकते हैं.
इसके अलावा इसका प्रयोग कर के हम किसी भी सामान की ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं और घर बैठे ही उस सामान को अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
डेस्कटॉप/लैपटॉप का एक सबसे बड़ा उपयोग मनोरंजन का क्षेत्र है. हम इस में फ़िल्में देख सकते हैं गाने सुन सकते हैं, गेम खेल सकते हैं.
समय की बचत
जब से डेस्कटॉप/लैपटॉप का इस्तेमाल काम के लिए होना शुरू हुआ तब से इसने मनुष्य का 80 % वक़्त बचा दिया अब भले वो क्षेत्र सरकारी ऑफिस हो, मैन्युफैक्चरिंग कंपनी हो, बैंक हो या फिर कोई छोटी दुकान हो. हर जगह इसके उपयोग से काफी अधिक समय की बचत होती है.
अगर हम बात करें किसी बैंक की पैसे जमा करने के लिए एक लम्बी कतार होती थी क्यूंकि बैंक के clerk अपना काम खुद ही अपने से करते थे इसके फाइल और रजिस्टर में सारा हिसाब किताब करते थे इसमें काफी वक़्त निकल जाता था.
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लेकिन इस मशीन के आने से इसने घंटों का काम मिनटों में निपटना शुरू कर दिया और बैंक से भीड़ को बहुत कम कर दिया.
संचार का माध्यम
इंटरनेट कनेक्शन और सिस्टम मिलकर एक बहुत ही modern संचार सिस्टम बनाते हैं. आज इंटरनेट में फेसबुक, गूगल प्लस, इंस्टाग्राम, ट्विटर है जिससे हम घर रह रहे रिश्तेदारों से चैटिंग और कॉल के द्वारा जुड़ने का साधन देता है.
इसके अलावा हम इसकी मदद से उन्हें देखते हुए भी वीडियो चाट की मदद से बातें भी कर सकते हैं.
स्टोरेज क्षमता का अधिक होना
काम किये जाने वाले फाइल और डाक्यूमेंट्स बड़े साइज के होते हैं लेकिन यही काम जब हम desktop/Laptop में करते हैं तो उसके फाइल और डाक्यूमेंट्स को रखने की हमे कोई टेंशन नहीं होती क्यों की जो हम रियल लाइफ में एक कमरे में जितने डाक्यूमेंट्स नहीं रख सकते उससे कई गुना अधिक फाइल और डाक्यूमेंट्स कंप्यूटर में स्टोर कर के रख सकते हैं.
इसकी वजह ये है की स्टोरेज काफी अधिक होती है. और अच्छी बात ये है की हम लाखों डाक्यूमेंट्स के बिच से एक डाक्यूमेंट को सिर्फ सेकण्ड्स में ढूंढ के निकाल सकते हैं. जबकि रियल लाइफ में हमे इस काम में घंटों लग सकते हैं या फिर कई दिन भी लग सकते हैं.
घर बैठे पैसे कमाने का जरिया
आज ये सिर्फ संचार, मनोरंजन का ही साधन नहीं रहा बल्कि आज ये ऑनलाइन घर बैठे पैसे कमाने का भी श्रोत बन चूका है.
इस का क्षेत्र इतना बड़ा है की इस में पैसे कमाने के अनेक तरीके हैं. जैसे की फोटो एडिटिंग, यूट्यूब चैनल, ब्लॉग्गिंग, डिजाइनिंग, फ्रीलांस के रूप में भी पैसे कमा सकते हैं.
कंप्यूटर के हानि/नुक्सान
समय की बर्बादी
इस आविष्कार ने मनुष्य के काम को तो बहुत आसान कर दिया है. साथ ही ये हमारे काम को कम समय में पूरा कर के वक़्त की बचत भी करता है लेकिन हर अच्छे चीज़ में भी कुछ बुराई होती हो सकती अगर इसका उपयोग सही से न किया जाये.
आजकल युवा बचपन से ही डेस्कटॉप या फिर लैपटॉप का प्रयोग करते हैं और उन में दिनभर सिस्टम के सामने में बैठने की आदत पड़ जाती है.
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साथ ही कुछ युवा Photoshoot के लिए DSLR, और गेम खेलने में इतने मगन होते हैं की उन्हें पढाई लिखे से नाता नहीं रखते. इसके अलावा कुछ लोग सोशल मीडिया में रहकर दिनभर अपना वक़्त देते हैं और समय की बर्बादी करते हैं.
आँखों का नुक्सान
हर रोज़ दिनभर सिस्टम के सामने बैठ कर लगातार आँखें उसकी मॉनिटर में टिका कर काम करना पड़ता है. मॉनिटर सामने बैठकर देखना पड़ता है काम करने के लिए .
जिसकी वजह से आँखों में बहुत ही बुरा असर पड़ता है. अधिकतर लोग जो मॉनिटर के सामने हर रोज़ बैठ कर काम करते हैं उन्हें चश्मा जल्दी ही लग कुछ लोगों की आँखों में बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है.
बेरोज़गारी – कम मैनपावर की आवश्यकता
कंप्यूटर अकेले कई लोगों का काम करती है. आजकल हर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, सरकारी ऑफिस, स्कूल, कॉलेज और बैंक में डेस्कटॉप लगे होते हैं.
जो काम 4 लोग किया करते थे उसे एक अकेला सिस्टम पूरा करता है और उसे चलाने के लिए सिर्फ एक ही आदमी की जरुरत पड़ती है.
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इस तरह हर जगह 4 में से 3 लोगों को बेरोज़गारी का सामना करना पड़ता है. जॉब अवसर कम हो गए क्यों की कम लोगों की जरुरत रह गई.
सोशल नेटवर्किंग साइट का अधिक प्रयोग
आजकल सभी लोग चाहे मोबाइल हो या लैपटॉप हर जगह सोशल मीडिया से जुड़े रहते हैं. दिनभर उस पर बैठ कर टाइम निकलते रहते हैं. इससे फायदा तो कुछ नहीं होता लेकिन लोग सोशल मीडिया की आदत इसके बिना नहीं रे सकते.
सुरक्षा पर खतरा
सारा काम अब कंप्यूटर में किया जाता है. उसी में सारे डॉक्यूमेंट को स्टोर कर के रखा जाता है. हमेशा बना होता है की अगर हार्ड ड्राइव में किसी वायरस का infection हुआ तो वो सारे डाटा को बर्बाद कर सकता है.
बुरे लोग बस दूसरों को नुक्सान पहुँचाने में लगे रहते हैं और बड़ी बड़ी कंपनियों के डाटा को बर्बाद करने के लिए गलत तरीकों का सहारा लेते हैं.
कंप्यूटर का मनुष्य पर हावी होना
आज artificial intelligence पर काफी तेज़ी से काम शुरू हो चूका है. ऐसे सिस्टम बनाये जा रहे हैं जो लोगों से बात कर सके, समझ सके और interact कर सके.
अगर किसी रोज़ ये यंत्र इतनी शक्तिशाली हो जाये की वो अपने फैसले खुद ही ले और कभी गलत या negative condition में चला जाये तो ये एक मनुष्य जाती के लिए खतरा भी साबित हो सकता है.
वैसे अभी ये यंत्र इतना स्मार्ट नहीं हुआ है की खुद निर्णय ले सके तो फिलहाल कोई खतरा नहीं है.
कंप्यूटर के उपयोग
चलिए अब जान लेते हैं उसका उपयोग जहां किया जाता है.
- शिक्षा (Education)
- सरकारी आफिस कार्य (Government Office work)
- रक्षा संस्थान (Defense)
- अस्पताल (Hospital)
- खेल (Sports)
- बिज़नेस (Business)
- विज्ञानं एवं अनुसंधान (Science & Research)
- मनोरंजन (Entertainment)
- मौसम विभाग (Whether department)
- बैंक कार्य (Banking)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. कम्प्यूटर क्या होता है?
कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए डाटा और निर्देशों को इनपुट डिवाइस के माध्यम से प्राप्त करता है फिर उसे अपने प्रोसेसिंग यूनिट के द्वारा प्रोसेसिंग का काम शुरू करता है और उपयोगकर्ता को इनपुट किए गए डेटा के अनुसार आउटपुट प्रदान करता है.
2. कंप्यूटर से हम क्या क्या कर सकते हैं?
इससे हम बहुत सारे काम कर सकते हैं जैसे वैज्ञानिक अनुसंधान में वैज्ञानिक इसे हफ्ते प्रयोगों के लिए इस्तेमाल करते हैं.
शिक्षा संस्थान में इसका इस्तेमाल कई प्रकार से किया जाता है और खासकर आजकल डिजिटल लर्निंग के लिए बच्चों को सही ढंग से किसी टॉपिक को समझाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
रक्षा के क्षेत्र में यह यंत्र बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और एयरक्राफ्ट कंट्रोल सिस्टम, संचार सिस्टम, मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम और रडार सिस्टम में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है.
- ब्लॉगिंग से पैसे कैसे कमाए – पूरी जानकारी हिंदी में (blog kaise banaye)
- Hacking क्या है और Ethical Hacking क्या है?
दूरसंचार के क्षेत्र में यंत्र की उपयोगिता काफी अधिक है और आज इंटरनेट में इस संचार को पूरे विश्व में फैला दिया है जिसके लिए यह भी महत्वपूर्ण माना जाता है.
आजकल हर छोटे बिजनेस में अपने काम को आसान करने के लिए लोग पर्सनल कंप्यूटर इस्तेमाल जरूर करते हैं.
अब किसी भी सरकारी या प्राइवेट ऑफिस में चले जाएं आपको हम पर लोग अपने कामों को कंप्यूटर में ही करते हुए नजर आएंगे.
बैंकों में आपने सभी स्टाफ को कंप्यूटर में ही काम करते हुए देखा होगा.
आजकल जटिल से जटिल ऑपरेशन को कंप्यूटर की मदद से ही आसानी के साथ सफलतापूर्वक कर लिया जाता है और मरीज को स्वस्थ कर दिया जाता है और बड़ी से बड़ी बीमारी को भी खत्म कर दिया जाता है.
3. कंप्यूटर की परिभाषा क्या है हिंदी में?
कंप्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो इनपुट यंत्र के द्वारा इनपुट किए गए डाटा को स्वीकार करता है और फिर उसे प्रोसेस करके आउटपुट यंत्र के द्वारा यूजर को रिजल्ट दिखा देता है.
4. वर्क स्टेशन कंप्यूटर क्या है?
वैज्ञानिक अनुसंधान और के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष कंप्यूटर को वर्क स्टेशन कंप्यूटर कहा जाता है यह मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं जिसमें एक साथ कई उधर काम कर सकते हैं.
5. कंप्यूटर का जनक कौन है?
19वीं शताब्दी में गणित के प्रोफेसर जिनका नाम चार्ल्स बैबेज था उन्होंने ही कंप्यूटर का आविष्कार किया था जिसके कारण में इस यंत्र का जनक या फिर इसका का पिता कहा जाता है.
6. कंप्यूटर का पिता कौन है?
चार्ल्स बैबेज इस यंत्र के पिता है जो गणितज्ञ होने के साथ एक मैकेनिकल इंजीनियर और आविष्कारक भी थे आज जो आधुनिक पीसी का इस्तेमाल हम और आप कर रहे हैं वह उन्हीं की देन है जिन्होंने डिफरेंशियल इंजन के रूप में पहले कंप्यूटर को बनाया था.
7. कंप्यूटर कितने प्रकार की होती है?
प्रोसेसिंग स्पीड और आकार के आधार पर कंप्यूटर के चार प्रकार होते हैं.
मिनी कंप्यूटर
माइक्रो कंप्यूटर
मेनफ्रेम कंप्यूटर
सुपर कंप्यूटर
8. कंप्यूटर की खोज किसने की और कब?
इसे बनाने वाले इंसान का नाम चार्ल्स बैबेज है और जिन्हें कंप्यूटर के जनक और पिता के रूप में भी जाना जाता है या यूं कहें कि कंप्यूटर की आविष्कार करने के कारण उन्हें ही कहा जाता है कि कंप्यूटर की खोज चार्ल्स बैबेज ने सन 1823 ईस्वी में की है.
9. भारत में पहली बार कंप्यूटर कब आया?
कोलकाता में इंडियन स्टैटिसटिकल इंस्टिट्यूट में पहली बार 1952 में कंप्यूटर को स्थापित किया गया. इस प्रकार भारत में इस यंत्र का चलन शुरू हो गया.
10. सबसे तेज कंप्यूटर कौन सा है?
दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर है चीन का सुपर कंप्यूटर है जिसका नाम सनवे ताइहूलाइट है.
11. भारत का पहला सुपर कंप्यूटर कौन सा है?
भारत का पहला सुपर कंप्यूटर परम 8000 है और यह 1991 में भारत में ही बनाया गया था.
12. कंप्यूटर की स्क्रीन को क्या कहते हैं?
इस की स्क्रीन को मॉनिटर कहते हैं जिसे विसुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहते हैं.
13. कंप्यूटर का आइक्यू क्या है?
कंप्यूटर का आइक्यू लेवल 0 होता है. लेकिन ऐसा क्यों है? क्योंकि कंप्यूटर वैसे आइक्यू टेस्ट कोई पास कर पाता है जिसके लिए वह पहले से प्रोग्राम किया हुआ रहता है.
जब भी कंप्यूटर से वैसे सवाल पूछे जाते हैं जिसका प्रोग्राम उसमें पहले से डाला हुआ नहीं है तो फिर वह उसका जवाब देने में विफल हो जाता है.
अगर आप इसे सवा सौ सवाल पूछते हैं और एक भी संभाल के लिए इसे प्रोग्राम नहीं किया गया है तो इसके जवाब देने का प्रतिशत जीरो होगा.
14. कंप्यूटर में क्या क्या पढ़ा जाता है?
कंप्यूटर में कई प्रकार के कोर्स कराए जाते हैं जिसके जरिए कोई भी छात्र अपना करियर बना सकता है और इन को पढ़कर आगे अपनी कमाई कर सकता है.
- वेब डिजाइनिंग या वेब डेवलपमेंट,
- बेसिक कंप्यूटर कोर्स,
- ग्राफिक डिजाइनिंग,
- कोर्स ऑन कंप्यूटर कॉन्सेप्ट (सीसीसी),
- डिजिटल मार्केटिंग,
- एनिमेशन,
- मोबाइल एप डेवलपमेंट,
- सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग,
- ई – एकाउंटिंग,
- टैली,
- साइबर सिक्योरिटी कोर्स,
- डाटा एंट्री ऑपरेटर
- एडवांस डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन,
- एडवांस डिप्लोमा इन फाइनेंशियल अकाउंटिंग,
- कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सर्टिफिकेशन कोर्स,
- आईटीआई इन कंप्यूटर,
- डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस,
- सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन,
- कंटेंट राइटिंग कोर्स.
Conclusion-
उम्मीद करता हूँ की कंप्यूटर किसे कहते है हिंदी में समझ गए होंगे और आपको ये पोस्ट पसंद आयी होगी. अगर फिर भी आपको कुछ और जानकारी चाहिए तो आप हमे कमेंट बॉक्स में सुझाव दे सकते हैं. इससे हमे काम करने में और प्रोत्साहन और हौसला मिलेगा जिससे की हम और मेहनत से सरल शब्दों में आपके लिए जानकारी तैयार कर के ला सके.
कुल मिलाकर देखा जाए तो आज के ज़माने में कंप्यूटर का ज्ञान उतना ही जरुरी है जितना की हम शिक्षा को मानते हैं.
आज लगभग हर जगह इसके बिना कोई काम नहीं होता है. इसीलिए हमने आज इस विषय पर विस्तार से चर्चा की है और आपने ये जान लिया है की कंप्यूटर क्या है (What is computer in Hindi) और इसकी स्क्रीन को क्या कहते हैं और विशेषता क्या है ये भी हमने बताया है. आपको अगर ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, इंस्टाग्राम में जरूर शेयर करे.
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